महात्मा ज्योतिबा फुले ने 63 साल, की उम्र में 28 नवंबर 1890 को पुणे में, अपने प्राण त्याग दिए |
अच्छा काम पूरा करने के, लिए बुरे उपाय से काम, नहीं लेना चाहिये।
परमेश्वर एक है, और सभी मानव, उसकी संतान हैं | Jyotiba Rao Phule
सभी प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठ है, और सभी मनुष्यों में नारी श्रेष्ठ है, स्त्री और पुरुष जन्म से ही स्वतंत्र है, इसलिए दोनों को सभी अधिकार सामान, रूप से भोगने का अवसर मिलना चाहिए | Jyotiba Rao Phule
शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के, लिए समान रूप से आवश्यक है | Jyotiba Rao Phule
भगवान और भक्त, के बीच मध्यस्थता की कोई, आवश्यकता नहीं है | Jyotiba Rao Phule
आर्थिक असमानता के कारण, किसानों का जीवन अस्त- , व्यस्त हो गया है | Jyotiba Rao Phule
विद्या बिना मति गयी, मति बिना नीति गयी, नीति बिना गति गयी, गति बिना वित्त गया, वित्त बिना शूद गये, इतने अनर्थ एक, अविद्या ने किये | Jyotiba Rao Phule
स्वार्थ अलग-अलग, रूप धारण करता है, कभी जाती का रूप, लेता है तो कभी, धर्म का | Jyotiba Rao Phule
भारत में राष्ट्रीयता की भावना, का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक खान -पान एवं, वैवाहिक सम्बन्धों पर जातीय, बंधन बने रहेंगे | Jyotiba Rao Phule